डॉ.अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ भारत का 8 वां राष्ट्रीय अधिवेशन कानपुर में उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न…
कानपुर प्रतिनिधी

कानपुर : डॉ.अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ आयोजित आठवां राष्ट्रीय सम्मेलन संविधान दिवस के उपलक्ष्य में रविवार, 30 नवंबर 2025 को रागेंद्र स्वरूप सेंटर, सिविल लाइंस, कानपुर, उत्तर प्रदेश में भव्य रूप से आयोजित किया गया और अत्यंत भव्य व ऊर्जामय वातावरण में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन एडवोकेट प्रभाकर ग्वाल, पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट (छत्तीसगढ़), एडवोकेट भीमसेन प्रसाद, प्रदेश संयोजक (बिहार), एडवोकेट अस्मिता तिड़के , महाराष्ट्र तथा सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार बैन, जबलपुर हाईकोर्ट (मध्य प्रदेश) ने संयुक्त रूप से किया।
मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट बी.एम. सिंह उपस्थित रहे और उन्होंने समाज व न्यायपालिका से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा की बहुजन समाज (SC/ST/OBC/अल्पसंख्यक) को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने के षड्यंत्र को समझना आवश्यक है, इसके लिए जिम्मेदार कौन और कैसे है? उच्च एवं उच्चतम न्यायपालिका में बहुजन समाज का पर्याप्त प्रतिनिधित्व क्यों जरूरी है? तथा विधायिका में दलितों तथा एससी-एसटी आरक्षण का उद्देश्य क्या है और वर्तमान समय में इसकी क्या प्रासंगिकता है इसपर विचार रख
कार्यक्रम की शुरुआत ॲड. एल. के. रामटेके के प्रेरणादायी भीमगीत गायन से हुई, जिसने वातावरण को ऊर्जामय बना दिया।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता व विद्यार्थी उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य रूप से—
मनोज दास राजू, विनोद कुमार, जे. पी. सिंह, उस्मान सिद्दीकी, सरजू प्रसाद, मुन्नालाल, राज कुमार चौरसिया, आर. के. गोयल, राम बहाल विद्यार्थी, ज्ञानेन्द्र महिलांग, शाकिर कुरैशी, डी. सी. आज़ाद सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
कार्यक्रम सकारात्मक संवाद, संवैधानिक जागरूकता और बहुजन समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प का प्रतीक बनकर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि एड. बी.एम. सिंह (राष्ट्रीय संयोजक, डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ भारत) सहित देशभर के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने उपस्थिति दर्ज कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई एवं बहुजन समाज, न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व, एससी–एसटी आरक्षण तथा संवैधानिक अधिकारों पर महत्त्वपूर्ण विचार साझा किए।
इस राष्ट्रीय अधिवेशन में महाराष्ट्र से विशेषतः उपस्थित अधिवक्ताओं ने अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी दर्ज की ॲड. अस्मिता तिडके (राष्ट्रीय संयोजक – महिला अधिवक्ता प्रभार),ॲड. एल. के. रामटेके,ॲड. संतोष चव्हाण, ॲड. भीमराव सालवणकर, ॲड. छाया वाल्मिकी,ॲड. मनिषा कांबळे इन सभी ने महाराष्ट्र का प्रभावी प्रतिनिधित्व करते हुए बहुजन समाज के संवैधानिक अधिकारों, महिलाओं की भागीदारी, न्यायिक सुधार तथा सामाजिक उत्थान के मुद्दों पर अपने अपने विचार रखे!
कार्यक्रम में अनेक राज्य के पदाधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता, अध्यापक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
अधिवेशन का वातावरण पूर्णतः ऊर्जा, जागरूकता और संगठन की मजबूती का प्रतीक रहा।
डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ भारत का यह 8वां राष्ट्रीय अधिवेशन संगठन की एकजुटता, संवैधानिक चेतना एवं सामाजिक न्याय के संकल्प को और अधिक मजबूत करते हुए ऐतिहासिक रूप से सफल रहा।



